हमारे प्रधानमंत्री - श्री नरेंद्र मोदी

हमारे प्रधानमंत्री - श्री नरेंद्र मोदी

 प्रस्तावना - भारतवर्ष एक लोकतांत्रिक देश है।  यहाँ देश में शासन करने वाली सरकार का चयन प्रति पाँच वर्ष बाद जनता के मताधिकार द्वारा होता है।  हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार प्रधानमंत्री देश का प्रमुख शासक होता है।  केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य उसके सहयोगी माने जा सकते है।  वह मंत्रिमंडल का मुखिया होता है स्वतंत्र भारत  में देश का शासन चलाने वाले महान प्रधानमंत्रियों की शृंखला में वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। 


जन्म एवं परिचय - श्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात राज्य के मेहसाना जिला स्थित वडनगर ग्राम में हुआ।  इनकी माता जी का नाम श्रीमती हीराबेन मोदी तथा पिता जी का नाम श्री दामोदर दास मूलचंद मोदी है।  यह अपने माता-पिता की कुल छह संतानो में से तीसरे नंबर पर है।  श्री नरेंद्र मोदी ने बचपन में अपने पिताजी तथा बड़े भाई से साथ मिलकर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का कार्य किया।  इनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।  जीवन की आरंभिक कठिनाइयों ने इन्हे न केवल परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया अपितु उसके साथ ही आम लोगों की पीड़ा को समझने का मौका भी दिया।   

 


युवावस्था और शिक्षा - श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने पैतृक गाँव वडनगर से पूरी की।  वडनगर के एक स्कूल मास्टर के अनुसार नरेंद्र मोदी हाँलाकि एक औसत दर्जे का छात्र था, लेकिन वाद-विवाद और नाटक प्रतियोगिताओ में उसकी बेहद रूचि थी।  इसके अलावा उसकी रुचि राजनीतिक विषयो पर नयी-नयी परियोजनाए प्रारंभ करने की भी थी।  सं 1980 में इन्होने गुजरात विश्वविद्यालय एम o ए o राजनीति विज्ञान की परीक्षा उत्तीर्ण की।  भारत-पाकिस्तान के बीच दवितीय युद्ध के दौरान अपने तरुणकालं में इन्होने स्वेच्छ से रेलवे स्टेशनो पर सफर कर रहे सैनिकों की सेवा की।  युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विदयार्थी परिषद में शामिल हुए। 

राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश - अपने विश्वविद्यालय अध्ययन के समय से ही ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन से जुड़ गए।  सं 1987 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति की मुख्य धारा से जुड़ गए।  एक वर्ष के भीतर ही इन्हे पार्टी गुजरात इकाई का महामंत्री नियुक्त किया गया।  सं 1990 में श्री लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा तथा श्री मुरली मनोहर जोशी की यात्रा की जिम्मेदारी श्री नरेंद्र मोदी को दी गई।  सं 1995 में इन्हे पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया और देश के पाँच महत्त्वपूर्ण राज्यों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।  सं 1998 में इन्हे महासचिव   ( संगठन ) के पद पर पदोन्नत किया गया। 


गुजरात के मुखयमंत्री के रूप में -  7 अक्टूबर, 2001 को जब श्री नरेंद्र मोदी ने प्रथम बार मुखयमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, तब गुजरात में जनवरी, 2001 में आए विनाशकारी भूकंप सहित अन्य कई प्राकृतिक आपदाओं के विपरीत प्रभावों से गुजर रहा था। श्री नरेंद्र मोदी ने विकास के अवसरों में बदल दिया, भुज शहर उसका जीता - जगता सबूत है, जो भूकंप में बुरी तरह बर्बाद हो गया था।   तत्पश्चात दिसंबर 2002, 2007 तथा 26 दिसंबर 2012 को श्री नरेंद्र मोदी ने लगातार चौथी बार गुजरात के मुखयमंत्री के तौर पर शपथ ली।  प्रधानमंत्री नियुक्त होने से पहले तक श्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित करते रहे।  अपने कुशल नेतृत्व से इन्होने गुजरात की काया पलट की और विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाकर देश और विश्व में अमित छाप छोड़ी।  इनके जन हितैषी सुशांसन, सादगी, ईमानदारी तथा परिश्रमी जीवन ने इन्हे बुलंदियों तक पहुँचा दिया। 



प्रधानमंत्री के रूप में -  भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2012 के चुनाव प्रचार समिति का अध्यछ पद श्री नरेंद्र मोदी को दिया।  कुछ दिन बाद मोदी जी को प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित कर दिया।  इन्होने पूरे भारत का भ्रमण किया।  देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियों सहित कुल 5827 कार्यक्रम किया।  श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने इन चुनावो में अभूतपूर्ण सफलता प्राप्त की।  कांग्रेस पार्टी केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई।  20 मई 2014 को संसद भवन में बैठक में श्री नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग ) का नेता चुन लिया गया और 26 मई, 2014 को शाम 6 बजे भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में इन्होने शपथ ली।  इन्होने दो सीटों पर ( वडोदरा तथा वाराणसी ) चुनाव लड़ा था और दोंनो सीटों पर विजयी हुआ थे।  बाद में इन्होने गुजरात की वडोदरा सीट से इस्तीफा देकर वाराणसी सीट का प्रधिनिधित्व करने का फैसला किया। 


  उपसंहार -  श्री नरेंद्र मोदी कर्मठ, समर्पित तथा दृढ़ निश्चयी व्यक्ति है।  इनके कामकाज के तरिके की प्रशंसा करते हुए एक केंद्रीय मंत्री ने तो यह भी कहा कि वह न तो खुद सोते है और न ही कैबिनेट के सदस्यों को सोने देते है।  इस प्रकार ये भारतीयों के सपनो और आकांक्षाओं के लिए आशा की किरण बनकर आए है।  आशा है ये देश को अपने परिश्रम तथा अनुभवों के आधार पर विकास की ऊचाइयो तक पहुँचायेगे। 


आशा है की आपको इस आर्टिकल में नरेंद्र मोदी जी के बारे में पढ़ कर अच्छा लगा होगा और मुझे ये ही भी विश्वाश है, की आप मेरे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर करेंगे। 

धन्यवाद 


                                                     :- अतुल कुमार

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