MRF कंपनी की सफलता की कहानी ( MRF comapany's success story )

MRF कंपनी की सफलता की कहानी ( MRF comapany's success story )

नमस्कार दोस्तों। 

आज हम MRF कंपनी के बारे में बात करेंगे। आप ने कभी ना कभी इस कंपनी का नाम सुना ही होगा। आज हम इस कंपनी के बारे में सब कुछ बताने वाले है, की कंपनी किस देश का है और इस  कंपनी का मालिक कौन है। तो जानने के लिए शुरू करते है। 


                       MRF कंपनी का मालिक कौन है ?


हम कई सालो से इस कंपनी का नाम क्रिकेट के भगवान कहलाने वाले सचिन तेंदुलकर के बल्ले पर लिखा देखते आ रहे है। उनके बाद वर्तमान समय में इस कंपनी का स्टीकर भारतीय  क्रिकेटर विराट कोहली बल्ले पर आसानी से देख सकते है। इन सभी क्रिकेटर के बल्लो पर MRF का स्टीकर लगा देख बहुत लोगो को लगता है। ये कंपनी बेट्स बनाते है। जबकि इस कंपनी को टायर्स  निर्माता के रूप में भी पहचाना जाता है। इसलिए हम इस आर्टिकल में आपको इस कंपनी  के बारे में पुरी जानकारी देंगे। कृपया  इसआर्टिकल को ध्यान से और पूरा पढ़े।  



               MRF किस देश की कंपनी है ?



यह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इस कंपनी का पूरा नाम MRF (Madras Rubber Factory) है। यह कंपनी मुख्य रूप से टायर मैन्युफैक्चरिंग का काम करती है। इस कंपनी का स्थापना भारत में 1946 तमिलनायडु के तिरुवोट्टियूर में हुआ था। और इस कंपनी को पदम श्री प्रतिष्ठित सम्मान से नवाज़े गये K.M.Mammen Mappillai को MRF के संस्थापना के रूप में जाना जाता है। इस कंपनी से टायर्स बनाने में कुछ ही  कंपनियां आगे है। और वर्तमान समय में ये कंपनी दुनिया में 6 वे नंबर पर मैन्युफैक्चरर  कंपनी है। और भारत में ये कंपनी पहले स्थान पर है। टायर्स के अलावा ये कंपनी टॉयज, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट, कन्वेयर बेल्ट, पेंट्स एवं कोट्स के व्यापार में भी संलग्न है। वर्तमान समय में इस कंपनी के मुख्यालय ( तमिलनायडु के चेन्नई) में स्थित है। और इस कंपनी के CEO Mammen Mappillai है। 



    MRF कंपनी की शुरुआत कैसे और कब हुई ?





इस संगठन की शुरुआत क्स्डने वाले K.M.Mammen.Mappillai के पिता जी थे। जो की आज़ादी के लड़ाई में एक सक्रिय सहभागी थे। जिसके कारन उनको जेल जाना पड़ा। अपने पिता के ना होने कारन और अपने परिवार का गुजारा करने के ख़ातिर Mappillai ने गुब्बारे बेचना शुरू किया। जिससे उनकी आमदनी होने लागी, जिसके कारन वह अपनी पढाई भी जारी रख पाये। फिर उन्होंने 1946 में टॉय बैलून मैन्युफैक्चरिंग की एक छोटी सी यूनिट मद्रास में शुरू की। इसके बाद उनके यूनिट ने 1952 में ट्रेड रबर का कार्य प्रारंभ कर दिया था। जिसने इस व्यपार को तेज़ी से बाज़ार में आगे बढ़ाया और उनके द्वारा बनाये गए रबर के उत्पादों की बिक्री बढ़ने लगी। अपने रबर के व्यपार में तरक्की देख उन्होंने अपना रुझान टायर्स इंडस्ट्री के तरफ मोड़ा और 1960 नवंबर में एक प्राइवेट कंपनी को स्थापित किया। जिसके कारन रब्बर और टायर्स दोनों के निर्माण कार्य जुट गए। 


अपने Bussiness को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने America की मैन्सफील्ड टायर्स एंड रब्बर कंपनी को अपना साझेदार बनाया। जिसके बाद 1967 के आते आते यह अमेरिका को अपने टायर्स निर्यात करने वाली भारत की पहली कंपनी बन चुकी थी। इसके पश्चात MRF ने अपने व्यवसाय के नये आयामों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके परिणामस्वरूप 1973 में इसने पहली बार Nylon Tyers का निर्माण किया। जिसके दौरान ये कंपनी दुनिया भर में अपना पहचान बना चुका था। भारत से लेकर विदेशो तक की कंपनिया MRF कंपनी के टायर्स  को ही सबसे ज्यादा उपयुक्त मानते थे। 1979 में Mansfield Tire & Rubber Co ने MRF से अपनी साझेदारी समाप्त कर ली, जिसके  बाद से इसको MRF LTD के रूप में नया नाम मिल गया, जो आज तक जारी है। जिसको वर्तमान समय में Virat Kohli और AB De Villiers जैसे World Class Batsman, Endorse कर रहे है। 


                  MRF के मालिक :-

 इस कंपनी के मालिक कहलाने का हक़ मुख्य रूप से Mappillai परिवार और Comprehensive Investment and Finance Company PVT. LTD. को है। यह दोनों इस कंपनी के अधिक्तम Shares के मालिक है। इनके अतिरिक्त अनेकों संगठन और व्यक्तिगत इकाइयों के पास भी, इसके अंश मौजूद है। लेकिन उनकी मात्रा बेहद अल्प स्तर है। 


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धन्यवाद। 

                                                              
                                                                 :- अतुल कुमार  

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